Jagran Film Festival जेएफएफ पर बरसा दर्शकों का भरपूर प्यार

Aug 7, 2023 - 22:12
Aug 7, 2023 - 23:34

Jagran Film Festival  कोरोना काल की विभीषिका झेलने के करीब तीन साल बाद दिल्ली में जागरण फिल्म फेस्टिवल फिर लौटा। इन तीन वर्षों के दौरान सिनेमा की दुनिया में भी कई बदलाव आए। ओटीटी का बूम आया। वहां पर तमाम प्रयोगात्मक कहानियों को दर्शाने का फिल्ममेकर्स को मौका मिला । नेपोटिज्म का आरोप झेल रही फिल्म इंडस्ट्री में कई नवोदित प्रतिभाओं को अपनी कला दिखाने का अवसर मिला। इनमें कलाकार से लेकर निर्देशक व तकनीशियन सब शामिल रहे। इन बदलावों के बीच कहा गया कि दर्शकों का झुकाव सिनेमा की ओर कम हो गया है। ऐसे में तमाम आशंकाओं को निर्मूल साबित करते हुए सिरी फोर्ट आडिटोरियम में तीन अगस्त से शुरू हुए चार दिवसीय फिल्म फेस्टिवल में दर्शकों का भरपूर प्यार बरसा, जिसके लिए जेएफएफ शुक्रगुजार है। बड़ी संख्या में दर्शकों की मौजूदगी ने साफ संकेत दिया कि उन्हें अच्छा कंटेंट मिलेगा तो वह दूरदराज के क्षेत्रों से भी आएंगे।

अनुपम खेर व महिमा चौधरी अभिनीत जेएफएफ की ओपनिंग फिल्म  'सिग्नेचर' देखने के लिए बड़ी संख्या में दर्शक उमड़े। कई देसी-विदेशी फिल्मों को देखने

की उनमें ललक रही । ज्यादातार वे लोग शामिल रहे जो सिनेमा के क्षेत्र में करियर बना रहे हैं या अभिनय में भाग्य आजमाना चाहते हैं। इस दौरान अभिनेत्रियों को पुरुष कलाकारों के समकक्ष फीस न लेने

का मुद्दा गर्माया । वेबसीरीज द ट्रायल की अभिनेत्री काजोल ने इस मुद्दे पर कहा कि अगर देश में वंडर वूमन जैसी हालीवुड फिल्म बनने लगेगी व पठान फिल्म जैसी कमाई होगी तो बराबरी की फीस मिलेगी। प्यार का

पंचनामा की अभिनेत्री नुसरत बरूचा ने कहा कि अभी तो उनका करियर शुरुआती दौर में है, उनकी अगली फिल्म अकेली में बड़ा जंप मिला है, यानी फीस अनुमान से अधि मिली । काजोल की बात से सहमति

भी जताई। अनुपम खेर ने अपनी संघर्ष गाथा साझा कर कहा कि वह कर सकते हैं तो कोई भी कर सकता है। बस लक्ष्य के लिए समर्पण चाहिए। सतीश कौशिक की यादों को भी ताजा किया। फिल्ममेकर राहुल रवेल ने ओटीटी पर दिखाई जा रही अश्लीलता, हिंसा और अनैतिकता का मुद्दा उठाते हुए कहा कि इसपर विचार करने की आवश्यकता है।

फिल्मों की सफलता का श्रेय अमूमन सितारों को दिया जाता है। हालांकि, उसके पीछे कई लोगों का हाथ होता है, लेकिन उन्हें श्रेय नहीं मिलता । यह कसक कहीं न कहीं कर्मा, राम लखन जैसी हिट फिल्में दे चुके सुभाष घई की बातों में झलकी। उन्होंने क्रिएटिव आर्ट और परफार्मेंस आर्ट में अंतर समझने पर बल दिया। ईरानी फिल्ममेकर माजिद मजीदी खुश रहे कि भारत में लोग उनकी फिल्में देखते हैं। अब 22 साल बाद आ रही गदर के सीक्वल गदर - 2 को लेकर तारा सिंह यानी सनी देओल का दर्द छलका। सनी ने कहा कि पहले हम सोचते थे कि फिल्म कितने सप्ताह चलेगी, आजकल होता है कि फास्टफूड की तरह उसमें सबकुछ भर दें और वह दो-चार दिनों में ही बाक्स आफिस पर कमाई कर ले। मैं चाहता हूं कि गदर का सम्मान रखें, यह कम न होने पाए।

सिरी फोर्ट सभागार में आयोजित जागरण फिल्म फेस्टिवल में दर्शकों के साथ सेल्फी लेती फिल्म अभिनेत्री नुसरत बरूचा • ध्रुव कुमार