Miscarriage Pregnancy गर्भावस्था में मिसकैरेज को रोकती हैल्दी डाइट, फ्रेश चीजें ज्यादा खाएं
Miscarriage Pregnancy
Miscarriage Pregnancy : गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में खानपान पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। कारण यह कि प्रथम तिमाही में गर्भपात यानी मिसकैरिज की आशंका अधिक रहती है। अभी हाल ही एक रिसर्च के माध्यम से ऐसे खाद्य पदार्थों का पता चला है जिनके सवन से मिसकैरेज के रिस्क को कम किया जा सकता है। साथ ही, गर्भवती को ऐसे फूड आइटम से दूर रहना चाहिए जिनके उपयोग से गर्भपात का जोखिम बढ़ता हो। आइए जानें प्रेग्नेंसी में गर्भपात से बचने के लिए किस खाद्य पदार्थ का सेवन लाभदायक है और किस खाद्य पदार्थ का सेवन हानिकारक हो सकता है।
जानें क्या खाएं और क्या नहीं
ध्यान रखें - खानपान का काफी असर गर्भ में पल रहे शिशु पर पड़ता है, इसलिए गर्भवती खाद्य पदार्थों का चयन सावधानी से करें। कई ऐसे आहार होते हैं जो जेनेटिक डिफेक्ट, यूट्रस के बनावटी विकार, गर्भाशय मुख को कमजोर करने या फिर संक्रमण को बढ़ावा देते हैं। इसलिए हो सकता है तो इसके बारे में अपने स्त्री रोग विशेषज्ञ से भी बात जरूर कर लें।
ताजा फलों जैसे तरबूज, सेब, नाशपाती, अनार, आम, सन्तरे को आहार में शामिल करें। इनमें फोलिक एसिड, विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में होते हैं जो प्रेग्नेंसी में मदद करते हैं।
हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, चुकंदर, फलियां, मेथी, बथुआ, धनिया, पुदीना आदि का उपयोग करें। इनमें आयरन की मात्रा ज्यादा होती है। ये मां और शिशु दोनों के लिए सही रहता है।
सामान्य व्यक्ति की तुलना में गर्भवती महिलाओं को डेयरी प्रोडक्ट का ज्यादा सेवन करना चाहिए। दही, दूध, घी, पनीर इत्यादि गर्भ में पल रहे शिशु के विकास के लिए बहुत जरूरी होता है। ये प्रोटीन और कैल्शियम की जरूरतों को पूरा करता है। इसलिए प्रेग्नेंट महिलाएं अपनी डाइट में हर तरह के डेयरी प्रोडक्ट को ज्यादा शामिल करें। जो नॉनवेज खाते हैं वे अंडा ले सकते हैं।
इसके अतिरिक्त ऐसे फूड आइटम जिनमें एंटीऑक्सीडेंट तत्त्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, जैसे टमाटर, ब्लूबेरीज, करौंदा इत्यादि भी गर्भपात से बचाव में बेहद मददगार हैं।
जानें क्या नहीं खाएं
अन्नानास: इसमें मौजूद ब्रोमेलेन नामक एंजाइम गर्भवती महिला के गर्भाशय में संकुचन पैदा कर सकता, समस्या बढ़ती है।
पपीता: गर्भवती महिलाओं को पपीते से दूर रहने की सलाह दी जाती है। वजह यह है कि कच्चे पपीते में पाए जाने वाले एंजाइम की वजह से गर्भ गिरने का खतरा रहता है। इसे नहीं खाना चाहिए।
सहजन की फलियां: ड्रम स्टिक्स में अल्फा सिटोस्ट्रॉल नामक तत्व होता है जिससे मिसकैरिज हो सकता है। इसलिए इसको खाने से बचना चाहिए।
एलोवेरा: एलोवेरा जूस में अंथ्राक्येनॉनिज नामक तत्व मिलता है। एलोवेरा जूस में लेटेक्स गुण होता है, जो गर्भाशय के संकुचन के जोखिमों को बढ़ा देता है। इसकी वजह से गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है। शिशु के जन्म दोष का कारण भी बन सकता है।
क्यों नहीं खाना चाहिए चाइनीज फूड
इसमें एमएसजी यानी मोनोसोडियम ग्लूटामेट रसायन होता है जो गर्भस्थ शिशु के विकास के लिए हानिकारक है और इसके चलते काई बार जन्म के बाद भी बच्चे में दोष दिख सकते हैं।