तुर्की की बेंगिसु सुसार, रोपडा प्राइमरी स्कूल के बच्चों को दे रहीं डिजिटल एजुकेशन

Aug 29, 2023 - 11:07
तुर्की की बेंगिसु सुसार, रोपडा प्राइमरी स्कूल के बच्चों को दे रहीं डिजिटल एजुकेशन
रोपडा प्राइमरी स्कूल में बच्चों के साथ तुर्की से आईं बेंगिसु सुसार।

Turkeys Bengisu Susar अहमदाबाद. तुर्की में बायो मेडिकल इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ने वाली बेंगिसु सुसार इन दिनों अहमदाबाद जिले के रोपडा गांव की प्राथमिक स्कूल के बच्चों को डिजिटल एजूकेशन दे रही हैं।

वे पांच दिन यहां रहेंगीं। इस दौरान वे सरकारी स्कूल के इन बच्चों को डिजिटल साक्षरता और उसके महत्व को समझाएंगी। वे अपने डिजिटल साक्षरता प्रोजेक्ट के तहत तुर्की से भारत आई हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार डिजिटल शिक्षा पर काफी ध्यान दे रही है। उन्होंने इस प्रोजेक्ट के लिए पहले देश के तौर पर भारत का चयन किया है।

वे 17 जुलाई को भारत आईं और दो सितंबर तक यहां रहेंगीं। इससे पहले वे उत्तरप्रदेश के बनारस और राजस्थान में जाकर आई हैं। फिलहाल गुजरात में हैं और यहां पर उन्होंने अहमदाबाद जिले की रोपडा प्राथमिक स्कूल में पांच दिन बिताने का निर्णय किया है।

इन पांच दिनों में वे यहां बच्चों से सीखेंगी भी और उन्हें सिखाएंगी भी। उन्होंने कहा कि आज विश्व में ऑनलाइन एजूकेशन एवं डिजिटल एजूकेशन का चलन तेजी से बढ़ रहा है। ज्यादातर सुविधाएं भी आज डिजिटल हैं। ऐसे में बच्चों का डिजिटल रूप से साक्षर होना काफी महत्वपूर्ण है।

बच्चों को डिजिटल उपकरणों का प्रभावी तरीके से उपयोग कैसे करना चाहिए, उसकी जानकारी बच्चों को दे रही हैं। नाटक के जरिए बच्चे कैसे शिक्षा प्राप्त करने के साथ शारीरिक और भावनात्मक रूप से बेहतर बन सकते हैं उसका महत्व भी समझा रही हैं। उन्होंने कहा कि स्कूल में डिजिटल शिक्षा के लिए जरूरी हर सुविधा उपलब्ध है। यहां का परिसर भी काफी हराभरा है। स्कूल के बच्चे और शिक्षकों की ऊर्जा से भी वे प्रभावित हुईं।

बच्चों को सिखा रही हैं अंग्रेजी बोलना

रोपडा प्राथमिक स्कूल के प्राचार्य निशिथ आचार्य बताते हैं कि हमारी स्कूल में शिक्षा और सह अध्ययन प्रवृत्तियों के साथ खेल-खेल में शिक्षा देने का काम किया जाता है। कई ऐसी गतिविधियां की जाती हैं जिससे बच्चों को शिक्षा मिल सके। इससे उनका मानसिक रूप से तो विकास होता ही है वे शारीरिक रूप से भी स्वस्थ्य और एक्टिव रहते हैं। तुर्की से आईं बेंगिसु बच्चों को डिजिटल एजूकेशन क्या है, उसका क्या महत्व है, उसे समझा रही हैं।

साथ ही डिजिटल एजूकेशन में बच्चों को आने वाली प्रायोगिक दिक्कतों को वे कैसे दूर कर सकते हैं उसके तरीके भी बता रही हैं। वे बच्चों को बेसिक इंग्लिश का ज्ञान देने के साथ इंग्लिश बोलना भी सिखा रही हैं। शिक्षक भी उनके साथ जुड़ रहे हैं।