वाहनों पर सब्सिडी देने की घोषणा, केंद्र ने ई-बाइक पर घटाई सब्सिडी

Mar 16, 2024 - 13:08
Mar 16, 2024 - 13:10
वाहनों पर सब्सिडी देने की घोषणा, केंद्र ने ई-बाइक पर घटाई सब्सिडी

कोटा. दुनियाभर में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) का बाजार लगातार बढ़ता जा रहा है। बढ़ती तेल की कीमतों और ग्लोबल वार्मिंग की समस्या से निपटने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर सरकारों ने व्यापक स्तर पर नीतियां बनाई जा रही हैं। राज्य सरकार की ओर से जारी इलेक्ट्रिक वाहन पॉलिसी योजना के तहत वाहनों की बैटरी की क्षमता के अनुसार सब्सिडी देने की घोषणा की थी। इसके बावजूद राज्य सरकार ने अप्रेल-2022 के बाद ईवी की खरीद पर ग्राहकों के खाते में कोई सब्सिडी राशि जमा नहीं करवाई।

बैटरी क्षमता के हिसाब से मिलनी थी सब्सिडी

ईवी डीलर नागेश दाधीच ने बताया कि राज्य सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी क्षमता के अनुसार सब्सिडी तय की थी, जिसमें अधिकतम 20 हजार तक की सब्सिडी मिलनी थी। दो किलोवाट से पांच किलोवाट बैटरी क्षमता वाली ई-बाइक के ग्राहक को 5 से 10 हजार तक की सब्सिडी मिलनी थी, लेकिन राज्य सरकार ने अप्रेल 2022 से सब्सिडी नहीं दी।

23 माह में बिक चुकी 80 हजार ई-बाइक

दाधीच ने बताया कि परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, अप्रेल-2022 से फरवरी 2024 तक यानी 23 माह में प्रदेशभर में 80 हजार ई-बाइकों की बिक्री हुई है। राज्य सरकार ई-बाइक पर 10 हजार की सब्सिडी देती थी। ऐसे में 80 हजार वाहनों की खरीद पर सब्सिडी 80 करोड़ रुपए बनती है, लेकिन यह सब्सिडी राज्य सरकार ने ग्राहकों के खाते में नहीं डाली।

केंद्र ने ई-बाइक पर घटाई सब्सिडी

ईवी डीलर अंशुल कासलीवाल ने बताया कि केंद्र सरकार ई-बाइक पर फेम-2 योजना के तहत 22 हजार रुपए प्रति वाहन सब्सिडी देती थी। अब केंद्र सरकार ने ई-बाइक पर 1 अप्रेल 2024 से सब्सिडी को 22 हजार से घटाकर 10 हजार रुपए कर दी है। ई-कार खरीदने पर केंद्र की ओर से करीब 1.50 लाख रुपए की सब्सिडी मिलती है। ई-कार खरीद पर राज्य सरकार की तरफ से कोई सब्सिडी नहीं मिलती। राजस्थान में भी मुख्यमंत्री संबल योजना लागू हो ईवी डीलरों का कहना है कि ईवी को बढ़ावा देने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री संबल योजना लागू कर ईवी की खरीद पर 40 हजार रुपए सब्सिडी देना शुरू किया है। केंद्र सरकार से 10 हजार रुपए सब्सिडी मिल रही है। ऐसे में 1 लाख रुपए कीमत की ईवी पर ग्राहक को मात्र 50 हजार रुपए ही चुकाने पड़ रहे हैं। यह योजना राजस्थान में भी लागू करनी चाहिए।