AI Scam Alert डीपफेक वीडियो और भी खतरनाक , डीपफेक का पता कैसे लगाएं
भोपाल. AI Scam Alert साइबर क्राइम की दुनिया में अब किसी का भी हंसता-बोलता चेहरा लगाकर नकली वीडियो बनाना आसान हो गया है। फिल्म अभिनेत्रियों के इस तरह के डीपफेक वीडियो सामने आने के बाद इस तकनीक को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। चुनाव के दौर में इस तकनीक का इस्तेमाल और अधिक खतरनाक साबित हो सकता है। अंदेशा है कि इस तकनीक से किसी नेता का अश्लील या विवादित बयान देते वीडियो तैयार कर इसे वायरल किया जा सकता है।
गंभीर साइबर क्राइम का मामला
तकनीक का दुरुपयोग है डीप फेक वीडियो
इंटरनेट की दुनिया में ऑनलाइन मौजूद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म एवं इंस्ट्रूमेंट की मदद से फोटो एवं वीडियो को मिलाकर डीप फेक वीडियो बनाए जा रहे हैं। डीप फेक टेक्नोलॉजी को फोटो स्वेपिंग भी कहते हैं। इसकी मदद से किसी अन्य व्यक्ति के वीडियो में वांछित व्यक्ति का फोटो या वीडियो इंपोज कर सकते हैं।
इस प्रकार रनिंग वीडियो में असली की बजाय बदला हुआ व्यक्ति हंसते-खेलते और बोलते नजर आता है। तकनीक का यह दुरुपयोग चिंता का विषय है।
यह गंभीर अपराध, हो सकती है जेल
विशेषज्ञों की राय में डीप फेक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल ब्लैकमेलिंग और बदनाम करने के लिए किया जा सकता है। यह एक गंभीर किस्म का अपराध है। अनजान बनकर कभी भी कोई भी इस तकनीक का इस्तेमाल नहीं करें अन्यथा जेल जाना तय है।
डीप फेक का पता कैसे लगाएं पता
चेहरे के जिन हिस्सों पर सबसे ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है वे हैं गाल और माथा। क्या त्वचा बहुत चिकनी या बहुत झुर्रीदार दिखाई देती है।
डीप फेक मूंछें, साइड बर्न या दाढ़ी हटा या लगा सकते हैं, लेकिन वे अक्सर चेहरे के बालों के बदलाव को पूरी तरह से प्राकृतिक बनाने में विफल होते हैं।
चेहरे के मस्सों के मामले में भी यही स्थिति है, जो अक्सर डीप फेक में यूजर्स को नेचुरल या रियल नहीं दिखते हैं।