Wireless Chip in Brain: न्यूरालिंक को इंसान के दिमाग में वायरलेस चिप लगाने में मिली कामयाबी

Feb 3, 2024 - 15:51
Feb 3, 2024 - 15:53
Wireless Chip in Brain: न्यूरालिंक को इंसान के दिमाग में वायरलेस चिप लगाने में मिली कामयाबी
Wireless Chip in Brain: न्यूरालिंक को इंसान के दिमाग में वायरलेस चिप लगाने में मिली कामयाबी

कैलिफोर्निया. Wireless Chip in Brain टेक अरबपति एलन मस्क ने दावा किया है कि उनकी कंपनी न्यूरालिंक ने पहली बार इंसान के दिमाग में वायरलेस चिप सफलतापूर्वक इंप्लांट कर दी है। जिस मरीज के दिमाग में चिप लगाई गई, उसकी सेहत में सुधार हो रहा है।

मस्क ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि शुरुआती नतीजे में बेहतर न्यूरॉन स्पाइक्स का पता चला है। कंपनी चाहती है कि मानव मस्तिष्क को कंप्यूटर से जोड़ा जाए, ताकि न्यूरोलॉजिकल बीमारियों से निपटने में मदद मिले। चिप को मरीज के दिमाग के उस हिस्से में लगाया गया, जो ‘मूवमेंट इंटेंशन’ को कंट्रोल करता है। न्यूरालिंक को पिछले साल अमरीका के फूड्स एंड ड्रग्स प्रशासन ने इंसानों पर चिप के परीक्षण की इजाजत दी थी। इससे पहले बाल से भी पतली चिप का रोबोट पर इस्तेमाल किया था।

  • इंसान के दिमाग में वायरलेस चिप लगाने में मिली कामयाबी
  • जागी नई उम्मीदें: बाल से पतली मेडिकल डिवाइस का पहले रोबोट पर किया था परीक्षण
  • 2022 में एफडीए ने दी थी मस्क की कंपनी को टेस्ट की मंजूरी

दिव्यांगों के लिए साबित होगी वरदान

न्यूरालिंक ने चिप को ‘प्राइम’ (प्रेसाइस रोबोटिक्ली इंप्लांटेड ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस) नाम दिया है। इसकी मदद से दिव्यांग लोग, जो चल-फिर नहीं सकते, बात नहीं कर सकते या देख नहीं सकते, वे कुछ हद तक बेहतर जीवन जी सकेंगे। चिप से न्यूरल सिग्नल को कंप्यूटर या फोन जैसी डिवाइस पर ट्रांसमिट किया जा सकेगा। कंपनी छह साल से चिप पर काम कर रही है।

जानवरों पर परीक्षण की आलोचना

मस्क की कंपनी ने पहले लैब में जानवरों पर चिप लगाने के परीक्षण किए थे। इसको लेकर कंपनी की आलोचना हुई। उसे 2022 में सरकार की जांच का भी सामना करना पड़ा। आरोप था कि परीक्षण के दौरान चूहे, बंदर, सुअर समेत 1,500 जानवरों की जान गई। कंपनी ने इन आरोपों को नकारा था।