Semiconductor Chip : चिप निर्माण सामग्री पर चीन के प्रतिबंध की कीमत दुनिया को चुकानी पड़ेगी।

Oct 13, 2023 - 10:33
Semiconductor Chip : चिप निर्माण सामग्री पर चीन के प्रतिबंध की कीमत दुनिया को चुकानी पड़ेगी।
Semiconductor Chip : चिप निर्माण सामग्री पर चीन के प्रतिबंध की कीमत दुनिया को चुकानी पड़ेगी।

बीजिंग. सेमीकंडक्टर चिप ( Semiconductor Chip ) के निर्माण में इस्तेमाल होने वाली धातु जर्मेनियम और गैलियम पर चीनी अंकुश के एक माह बाद इनका विदेशी शिपमेंट शून्य हो गया है। विशेषज्ञ मानते हैं कि दुनिया को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी, क्योंकि सेमीकंडक्टर चिप की मांग लगातार बढ़ रही है। उधर, ड्रैगन का कहना है कि उसने कुछ निर्यात लाइसेंसों को मंजूरी भी दी है, लेकिन उसका यह प्रतिबंध कड़ी चेतावनी है कि वह भविष्य में व्यापार युद्ध में इस ‘हथियार’ का प्रयोग कर सकता है। चीन ने यह रोक तब लगाई जब अमरीका, यूरोप और जापान ने बीजिंग के लिए उन्नत चिप बनाने वाले उपकरणों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया। ये देश चीन को इस तकनीक से दूर रखना चाहते हैं।

नई आपूर्ति शृंखला बनाने में लगेंगे साल

चीन यदि बड़ी मात्रा में निर्यात पर रोक लगाता है तो सप्लाई चेन प्रभावित होगी। चिप निर्माण में प्रयोग होने वाली दुर्लभ धातुओं के उत्पादन में चीन का वर्चस्व है। अमरीका और सहयोगी देशों के पास विकल्प है कि वे जर्मेनियम और गैलियम उत्पादन के लिए नई आपूर्ति शृंखला तैयार करें लेकिन इसमें कई साल लग जाएंगे।

कम लागत में उत्पादन करने में सक्षम चीन

यह दोनों तत्व प्रकृति में अपने आप नहीं पाए जाते बल्कि एक प्रक्रिया के तहत इन्हें दूसरी धातुओं से प्राप्त किया जाता है जैसे एल्यूमीनियम, कॉपर और जिंक। इन धातुओं की प्रोसेसिंग महंगी, चुनौतीपूर्ण और प्रदूषणकारी हो सकती है। लेकिन चीन इस मामले में लागत कम रखने में सक्षम है जबकि अन्य प्रतिस्पर्धी देश इसका मुकाबला नहीं कर पाते। एल्यूमीनियम उद्योग में चीन की अग्रणी स्थिति और रणनीतिक नीतियों से चीन की वैश्विक गैलियम उत्पादन में प्रमुख हिस्सेदारी है।

वैकल्पिक स्रोतों से मिलना इतना आसान नहीं

दुनियाभर में वैकल्पिक आपूर्तिकर्ता भी हैं। रूस, जापान और कोरिया ने 2022 में वैश्विक गैलियम का 1.8 फीसदी उत्पादन किया। जर्मेनियम के लिए कनाडा का टेक रिसोर्सेज दुनिया के बड़े उत्पादकों में से एक है। लेकिन आपूर्ति के इन वैकल्पिक स्रोतों को ऑनलाइन लाने में समय लगेगा और ये महंगे हो सकते हैं। चीन आपूर्ति रोकता है तो वैश्विक खनन कंपनियां इन्हें बेचने के व्यवसाय में उतर सकती हैं।