Singrix Vaccine लॉन्च हो चुकी है, हर तीन में से एक मरीज़ 'शिंगल्स' से पीड़ित है

Nov 10, 2023 - 10:54
Nov 10, 2023 - 11:03
Singrix Vaccine लॉन्च हो चुकी है, हर तीन में से एक मरीज़ 'शिंगल्स' से पीड़ित है
Singrix Vaccine लॉन्च हो चुकी है, हर तीन में से एक मरीज़ 'शिंगल्स' से पीड़ित है

बिलासपुर. छत्तीसगढ़ में कोरोना महामारी के बाद शिंगल्स बीमारी के मरीज तेजी से बढ़े हैं। जांच कराने आ रहे मरीजों में हर तीसरा मरीज इसका शिकार हो रहा है। दरअसल यह कमजोर इम्युनिटी वालों या फिर दवाओं के रिएक्शन की वजह से होता है। लिहाजा 50 साल से ज्यादा उम्र वाले व्यक्ति ज्यादा पीड़ित हो रहे हैं। दिल्ली, महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों में बचाव के लिए टीके उपलब्ध हैं, पर छत्तीसगढ़ में अभी तक इसके टीके नहीं आए हैं, एंटीबायोटिक दवाओं से ही इलाज हो रहा है।

डॉक्टरों के अनुसार शिंगल्स स्किन से जुड़ी एक बीमारी है, जिसका अटैक कमजोर इम्यून सिस्टम वालों पर ज्यादा होता है। 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के साथ डायबिटीज, दिल और किडनी की बीमारी जैसी समस्याओं से पीड़ितों इसके पनपने का खतरा ज्यादा रहता है, क्योंकि ऐसे लोगों की इम्युनिटी इन बीमारियों की वजह से कमजोर होने लगती है।

शिंगल्स उस वायरस की वजह से फैलता है, जिसकी वजह से चिकनपॉक्स होता है। चिकनपॉक्स होने के बाद वायरस वेरिसेला जोस्टर शरीर के स्नायुओं में लंबे समय तक निष्क्रिय पड़ा रहता है। यह दो से पांच दशकों तक या और भी लंबे समय तक इसी अवस्था में शरीर में पड़ा रह सकता है। जब भी शरीर की इम्युनिटी कमजोर होती है तो ये वायरस फिर से एक्टिव हो जाता है और इस बीमारी का कारण बनता है। इसकी वजह से शरीर में चेहरे से लेकर जंघा तक किसी भी एरिया में पट्टे के रूप में चकत्ते हो जाते हैं। तेज चुभन के साथ दर्द महसूस होता है।

Singrix Vaccine सिंगरिक्स टीका हो चुका है लॉन्च

इस बीमारी की रोकथाम के लिए सिंगरिक्स (जोस्टर वैक्सीन रीकॉम्बिनेंट एडजुवेंटेड) टीका लॉन्च हो चुका है। दिल्ली, कोलकाता, महाराष्ट्र आदि में टीके उपलब्ध हैं। छत्तीसगढ़ मेें उपलब्ध नहीं है। लिहाजा डॉक्टर दवाओं से इसका इलाज कर रहे हैं। जिन्हें यह टीका लगवाना होता है, उन्हें बाहर से मंगवाना पड़ रहा है। इस टीके के तीन डोज लगते हैं। एक डोज 12 हजार रुपए में मिल रहा है।

मरीज को छूने से नहीं फैलता शिंगल्स

मरीज सें के सीधे संपर्क में आने वाले व्यक्ति को इसके होने का खतरा नहीं होता है। लेकिन अगर उन्हें पहले कभी चिकनपॉक्स नहीं हुआ है तो चिकनपॉक्स होने का खतरा बना रहता है।