मिट्टी के बर्तनों में खाना पकाने से मिट सकता है बाल कुपोषण

Oct 2, 2023 - 10:48
मिट्टी के बर्तनों में खाना पकाने से मिट सकता है बाल कुपोषण
cooking food in earthen pots.

जयपुर.  मिट्टी के बर्तनों में खाना पकाने से मिट सकता है बाल कुपोषण एक शोध में दावा किया गया है कि मिट्टी में वह सारे पोषक तत्व हैं जो बेहतर स्वास्थ्य के लिए आवश्यक होते हैं। मिट्टी का सही तरीके और सही जगह उपयोग किया जाए तो उसमें इतनी ताकत हैं कि बाल कुपोषण को भी मिटा सकती हैं। राजस्थान के जयपुर में अमृत माटी इंडिया ट्रस्ट ने अपने शोध में यह दावा किया है। शोध के अनुसार क़ुपोषित बच्चों को मिट्टी के बर्तनों में भोजन पकाकर दिया जाए तो पोषण की मात्रा कई गुना तक बढ़ जाती हैं। यहीं नहीं, शहरी महिलाओं में एनीमिक समस्या और मिनरल डेफिसिएंसी को भी ऐसे पके भोजन से संतुलित किया जा सकता हैं।

शरीर में पीएच संतुलन को बनाए रखते हैं

ट्रस्ट का दावा है कि उन्होंने एनएबीएल सर्टिफाइड लैब से जांच करवाकर साबित किया है कि मिट्टी के बर्तनों में भोजन पकाने से पोषण अधिक मात्रा में मिलता हैं। ऐसे में भोजन को मिट्टी के बर्तनों में पका कर दिया जाए तो परिणाम अधिक तेजी से और अच्छे आएंगे। मिट्टी के बर्तन क्षारीय प्रकृति के होते हैं, जिसके चलते यह भोजन की अम्लीय प्रकृति को बेअसर करते हैं। पीएच संतुलन बनाए रखते हैं और भोजन को पचाना आसान बनाते हैं। स्वाद बढ़ाने के अलावा मिट्टी के बर्तन भोजन में खनिज भी बढ़ाते हैं।

खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में लगभग 19.44 करोड़ लोग (जनसंख्या का करीब 14.5%) कुपोषित हैं।

देश में बाल कुपोषण

केवल 54.9% शिशुओं को विशेष रुप से स्तनपान कराया जाता हैं, और केवल 41.6% शिशुओं को जन्म के पहले घंटे में स्तनपान कराया जाता हैं।

भारत में 5 साल से कम उम्र के 30.9% से अधिक बच्चे सामान्य से कम कद के है।

6-59 महीने की उम्र के 70% बच्चे एनीमिक है।

भारत के 5 साल से कम उम्र के 35.7% बच्चों का वजन कम है।