रिटायर्ड आइपीएस सुभाष अत्रे के पास 10 देशों की हजार से ज्यादा गणपति प्रतिमाएं

Sep 25, 2023 - 13:55
रिटायर्ड आइपीएस सुभाष अत्रे के पास 10 देशों की हजार से ज्यादा गणपति प्रतिमाएं
रिटायर्ड आइपीएस सुभाष अत्रे के पास 10 देशों की हजार से ज्यादा गणपति प्रतिमाएं

भोपाल. भगवान के प्रति श्रद्धा दिखाने का कुछ लोगों का अंदाज अलग ही होता है। इनमें से ही एक हैं भोपाल के रिटायर्ड आइपीएस सुभाष अत्रे। इन्होंने प्रथम पूज्य गणेश की अलग-अलग प्रकार की मूर्तियों का संग्रह किया है। इनके पास 10 देशों की एक हजार से ज्यादा मूर्तियां हैं। अत्रे का कहना है कि मुझे बचपन से ही गणेशजी के बारे में पढ़ना अच्छा लगता था। नौकरी के दौरान जहां भी पोस्टिंग होती थी, वहां अनोखी मूर्ति को संग्रह करता था। रिटायर होने पर जिस देश की यात्रा की, वहां से मूर्तियां लेकर आया।

5 मिलीमीटर से लेकर 4 फीट तक की मूर्तियां

अत्रे के कलेक्शन में गोबर, मिट्टी, लकड़ी, पीतल, अष्टधातु, पत्थर, सीप, शंख, सुपारी, अनाज और रत्न से बनीं गणेश प्रतिमाएं हैं। कई प्रतिमाएं दो, चार, छह, आठ, बारह और सोलह हाथ वाली हैं तो कई 5 मिलीमीटर से 4 फीट तक की हैं। इनके पास लाजवर्त पन्ना, मोती, टाइगर स्टोन और कैट्स आई जैसे रत्नों की मूर्तियों का भी संग्रह है। अत्रे इन मूर्तियों पर एक किताब भी लिख चुके हैं।

थाइलैंड की प्रतिमा में बाल

दुनिया में गणेशजी के कई रूप हैं। चीन की मूर्ति में गणेशजी ड्रैगन पर बैठे हैं। थाइलैंड में गणेशजी के हाथ में लड्डू की जगह मूली है। प्रतिमा की हेयर स्टाइल भी बहुत अनोखी है। बस्तर की प्रतिमा में वे बाइसन मुकुट पहने हैं।

चीन में शीनतेन, जापान में कांगीतेन

कांगीतेन: के अनुसार, भगवान गणेश को अलग-अलग देशों में कई नामों से पूजा जाता है। चीन में शीनतेन तो जापान में कांगीतेन नाम से पुकारा जाता है। बाली में शेर जैसे मुंह के साथ स्थानीय मुखौटे पहनाकर मूर्ति बनाई जाती है। जापान की मूर्ति में युगल गणेश एक-दूसरे से मिल रहे हैं।