पुलिस गोलीबारी में मारे गए दलित युवक को न्याय दिलाने के लिए कांग्रेस का प्रदर्शन

Mar 2, 2024 - 12:14
Mar 2, 2024 - 12:15
पुलिस गोलीबारी में मारे गए दलित युवक को न्याय दिलाने के लिए कांग्रेस का प्रदर्शन
पुलिस गोलीबारी में मारे गए दलित युवक को न्याय दिलाने के लिए कांग्रेस का प्रदर्शन

नई दिल्ली. कांग्रेस के एससी विभाग के कार्यकर्ताओं ने उत्तर प्रदेश के रामपुर उत्तर प्रदेश के सिलाइबारा गांव में पुलिस गोलीबारी के विरोध में राष्ट्रीय एससी आयोग के बाहर प्रदर्शन किया।

इस पर पुलिस ने विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश लिलोठिया समेत कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। लिलोठिया ने कहा कि एक पार्क में बाबासाहेब अम्बेडकर के बोर्ड की स्थापना करने के बीच पुलिस ने दलितों पर गोलियां चला दी। इससे 17 वर्षीय दलित युवक सुमेश की मौत हो गई। सुमेश दसवीं बोर्ड की परीक्षा देकर घर लौट रहा था। उन्होंने कहा कि यूपी पुलिस ने सबूत छुपाने के लिए गुरुवार को सुमेश के शव का जल्दबाजी में अंतिम संस्कार कर दिया, जैसा कि उन्होंने 2020 में हाथरस में दलित बलात्कार पीड़िता के साथ किया था। एक बार फिर ऐसी घटना से पता चला है कि उत्तर प्रदेश सरकार दलितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रही है।

उन्होंने कहा कि एनसीआरबी रिपोर्ट से पता चलता है कि 2022 में दलितों के खिलाफ अत्याचार/अपराध के कुल 57,428 मामले दर्ज किए गए। अकेले उत्तर प्रदेश में 15,368 मामलों के साथ, अत्याचार के सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए। दलितों के ख़लिाफ़. यह भारत में कुल अत्याचारों का 28 फीसदी है। पहले हाथरस और अब रामपुर में जो कुछ हुआ, उसे देखने के बावजूद, उत्तर प्रदेश में एससी और एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम को मजबूती से लागू करने की दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

शीघ्र न्याय की मांग

उन्होंने कहा कि 2014 में नरेन्द्र मोदी के प्रधान मंत्री बनने के बाद से दलितों पर अत्याचार के 5,00,000 से अधिक मामले सामने आए हैं। ऐसे मामलों की रिपोर्ट नहीं लिखी जाने के कारण (रिपोर्ट न की गई संख्या) वास्तविक संख्या से छह गुना होने की उम्मीद है। सुमेश के परिवार ने स्थानीय पुलिस स्टेशन में पुलिस कर्मियों, उत्तर प्रदेश के अधिकारियों, एसडीएम और तहसीलदार सहित 25 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। हम एससी आयोग से इस मामले में त्वरित न्याय सुनिश्चित करने की मांग करते हैं।