Fossil Fuels दुनियाभर के डॉक्टरों ने लाखों जीवन बचाने के लिए जीवाश्म ईंधन खत्म करने की लगाई गुहार
कैनबरा Fossil Fuels . दुनियाभर के डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य पेशेवरों ने सरकारों से जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल को फौरन बंद करने की मांग की है। इनमें भारत सहित कनाडा, यूरोप, प्रशांत देशों और ब्रिटेन के स्वास्थ्य संगठन शामिल हैं। जलवायु परिवर्तन के कारण मरीजों की बढ़ती तादाद और असामयिक मौतों के मामलों में वृद्धि हो रही है। 30 लाख से अधिक स्वास्थ्य पेशेवरों का प्रतिनिधित्व करने वाले डॉक्टर और स्वास्थ्य निकायों ने एक साथ आते हुए एक खुला पत्र लिखकर समुदायों की रक्षा के लिए जलवायु परिवर्तन के खिलाफ कार्रवाई का आह्वान किया है।
सालाना लाखों मौतों का कारण जलवायु परिवर्तन
यह मांग ऐसे समय की गई है, जब ऑस्ट्रेलिया का सिडनी दुनियाभर के डॉक्टरों और प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल विशेषज्ञों के सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। जहां विशेषज्ञ अपने देश के जलवायु परिवर्तन के अनुभवों और रोगियों के स्वास्थ्य और कल्याण पर इसके प्रभावों पर चर्चा कर रहे हैं।
डब्ल्यूएचओ की पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य निदेशक मारिया नीरा का कहना है कि वायु प्रदूषण के कारण हर साल 70 लाख से अधिक लोगों की असामयिक मृत्यु होती है।
एक तिहाई से अधिक मौतों की वजह भीषण गर्मी
जलवायु परिवर्तन न केवल शारीरिक रोगों का कारण बनता है बल्कि इससे तनाव, एंजाइटी जैसे मानसिक विकार भी सामने आते हैं। 1991-2018 तक दुनियाभर में गर्मी से होने वाली 37 फीसदी मौतों का कारण मानव-प्रेरित जलवायु परिवर्तन रहा। दो दशकों में 65 वर्ष से अधिक उम्र वालों की गर्मी से संबंधित मौतों में 70%की वृद्धि हुई है।
2030 से 2050 में मौसमीय बदलावों से कुपोषण, मलेरिया व हीट स्ट्रेस से प्रतिवर्ष 2.50 लाख अतिरिक्त मौतों की आशंका है।
नवीकरणीय ऊर्जा में अहम निवेश की आवश्यकता
खुले पत्र में कहा गया है कि अगर हमारे पास वैश्विक तापमान को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने और जलवायु स्वास्थ्य आपातकाल की वृद्धि को रोकने का कोई मौका है तो जीवाश्म ईंधन के प्रसार को सभी को मिलकर खत्म करना होगा। दुनियाभर की सरकारें जीवाश्म ईंधन के बुनियादी ढांचे के विस्तार को रोकने, मौजूदा जीवाश्म ईंधन को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने, इस उद्योग से सब्सिडी खत्म करने और नवीकरणीय ऊर्जा में महत्त्वपूर्ण निवेश करें।