Ozone Layer: ओजोन परत में ज्यादा सुधार नहीं, छेद और बढ़ने का खतरा

Nov 23, 2023 - 13:31
Ozone Layer: ओजोन परत में ज्यादा सुधार नहीं, छेद और बढ़ने का खतरा
ozone layer: 2040तक फिर 1980 के स्तर पर पहुंचने की आशंका

वेलिंगटन (न्यूजीलैंड). ozone layer पृथ्वी से कई किलोमीटर ऊपर ओजोन परत को लेकर वैज्ञानिकों ने नए शोध में दावा किया है कि परत में संभवत: कोई सुधार नहीं हो रहा है, बल्कि इसका छेद और बढ़ने का खतरा है। अब तक माना जा रहा था कि यह परत रिकवर हो रही है।

2040तक फिर 1980 के स्तर पर पहुंचने की आशंका

न्यूजीलैंड के वैज्ञानिकों के मुताबिक 2040 तक ओजोन परत के 1980 के स्तर पर लौटने की आशंका है। तब रसायनों के कारण अंटार्कटिका के ऊपर परत में छेद हो गया था। ओजोन परत को नुकसान पहुंचाने वाले 100 से ज्यादा कैमिकल के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए 1987 में कई देश सहमत हुए थे। ओजोन को होने वाले नुकसान का बड़ा कारण क्लोरोफ्लोरोकार्बन (सीएफसी) का इस्तेमाल है, जो एयरोसोल स्प्रे और रेफ्रिजरेटर में आम है। ओजोन परत के कारण ही धरती पर जीवन संभव है।

2020-2022 के वसंत में बढ़ गया छेद

अंटार्कटिका के ऊपर ओजोन परत का छेद गर्मियों में सिकुड़ने से पहले वसंत के दौरान कुछ बढ़ता है, लेकिन 2020 से 2022 में वसंत ऋतु के दौरान यह रेकॉर्ड आकार तक पहुंच गया। शोधकर्ताओं का कहना है कि छेद के कारण 2004 के बाद से ओजोन के स्तर में 26% की कमी हो चुकी है। यह गिरावट दिखाती है कि छेद ने न सिर्फ अपने बड़े क्षेत्र को बरकरार रखा है, बल्कि यह और गहरा हो गया है।

सैटेलाइट उपकरण से विश्लेषण

वैज्ञानिकों ने सैटेलाइट उपकरण का प्रयोग कर सितंबर से नवंबर तक ओजोन परत का विश्लेषण किया। ओजोन के बदलते स्तरों की तुलना करने के लिए उन्होंने अब तक के डेटा का इस्तेमाल किया। ओजोन परत सूर्य के उच्च आवृत्ति के ऐसे पराबैंगनी प्रकाश की 90-99% मात्रा अवशोषित कर लेती है, जो पृथ्वी पर जीवन के लिए हानिकारक है।