New Covid virus JN-1 variant घातक नहीं, पर तेजी से फैल रहा है नया कोविड वायरस जेएन-1 वैरियंट

Dec 25, 2023 - 10:21
Dec 25, 2023 - 10:25
New Covid virus JN-1 variant घातक नहीं, पर तेजी से फैल रहा है नया कोविड वायरस जेएन-1 वैरियंट
घातक नहीं, पर तेजी से फैल रहा है नया कोविड वायरस जेएन-1 वैरियंट

New Covid virus JN-1 variant  कोरोना नए वैरियंट जेएन-1 के 3000 से अधिक मामले रिपोर्ट किए जा चुके हैं। सब वैरिएंट ओमिक्रॉन से संबंधित जेएन-1 वायरस तेजी से फैल रहा है, लेकिन यह घातक नहीं है। अब तक 40 से अधिक देशों में फैल चुका है। जिन्हें हो रहा है उनमें से 50% में तो कोई लक्षण तक नहीं दिख रहा है। जिनमें लक्षण दिख रहे हैं उनमें नाक और गले में ही वायरल लोड दिख रहा है। इसलिए नुकसान कम पहुंचा रहा है।

इंफ्लुएंजा से अधिक ताकतवर

वैसे तो इसका वायरस ज्यादा खतरनाक नहीं है लेकिन सामान्य इन्फ्लुएंजा की तुलना में ज्यादा शक्तिशाली है। लक्षण सामान्य फ्लू की तुलना में दो-तीन दिन ज्यादा दिख सकते हैं। इसलिए ज्यादा जरूरी है कि सावधानी बरतें।

टीका न लगने वाले मामले अधिक

एक अध्ययन में देखा गया है कि केरल में अभी तक जितने मामले रिपोर्ट हुए हैं उनमें से अधिकतर को कोरोना का वैक्सीन नहीं लगा है या फिर उन्होंने केवल एक ही डोज लगी है। ऐसे में अनुमान लगाया जा सकता है कि वैक्सीन न लगवाने वालों में इसके होने की आशंका ज्यादा है।

अभी सावधानी क्यों जरूरी

अभी फेस्टिव सीजन और सर्दी की छुट्टियां चल रही हैं। ऐसे में लोगों के एकत्रित होने से भीड़ की आशंका है। बाजारों में भी भीड़ बढ़ी है। घर से बाहर निकल रहे हैं तो कोरोना से बचाव वाले नियम का पालन करें। जैसे मास्क जरूर लगाएं। हाथ मिलने से बचें। भीड़भाड़ स्थानों पर न जाए। हाइजीन रखें।

क्या है जेएन-1 वैरियंट

डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन सेंटर, अमरीका की ओर से कहा गया है कि जेएन-1 एक सब वैरिएंट है, जो ओमिक्रॉन सबवैरिएंट बीए 2.86 यानी पिरोला का वंशज है। भारत में पिरोला का पहला मामला अगस्त 2023 में मिला था। पिरोला और जेएन-1 में पूरी समानताए हैं, सिर्फ एक अंतर है। जेएन-1 में एक स्पाइक प्रोटीन का म्यूटेशन हुआ है। यह इंसान के रिसेप्टर सेल से जुड़ जाता और वायरस को शरीर में प्रवेश कराता है। इसकी कारण यह वायरस तेजी से फैल रहा है।

कौन लोग सावधानी बरतें

अभी तक इसके संक्रमण से 5 लोगों की मृत्यु की सूचना है जिनमें से 4 की उम्र 65 वर्ष से अधिक थी और उन्हें कोई न कोई गंभीर और क्रॉनिक बीमारी थी। ऐसे में जिनकी उम्र 60 वर्ष से अधिक और कोई क्रॉनिक बीमारी है उन्हें सावधानी बरतने की जरूरत है। इसके अलावा बच्चे और गर्भवती महिलाएं भी ध्यान रखें। ऐसे लोगों की इम्युनिटी कमजोर होती है। उनमें संक्रमण की आशंका ज्यादा रहती है।