What is Achievements Hindi सिद्धिया क्या है? और कितनी पावरफुल होती हे। 16 सिद्धियों का प्राचीन विज्ञान

Aug 31, 2023 - 23:28
Aug 31, 2023 - 23:32
What is Achievements Hindi  सिद्धिया क्या है? और कितनी पावरफुल होती हे। 16 सिद्धियों का प्राचीन विज्ञान

Achievements आपने सिद्धियों के बारे में तो बहुत सुना होगा और आप लोग पूछते भी हैं कि शास्त्रों के अनुसार सिद्धियों  कितने प्रकार की होती है? सिद्धियों का विज्ञान किया है, किसी विशेष सिद्धि की क्या शक्ति होती है? तो चलिए आज हम योग शास्त्र के अनुसार सिद्धियों के बारे में बात करेंगे। सनातन धर्म ग्रंथों में 16 सिद्धियों का वर्णन किया गया है, जिसकी प्राप्ति के बाद ब्रह्मांड का कोई भी कार्य करना असंभव नहीं है।

मेरे माने सिद्धि का अर्थ होता है किसी भी चीज़ का ज्ञान है जो उसके मूल में छुपा हुआ है उसको सिद्ध कर लेना। संसार की हर एक चीज़ अपने ही लॉ अपने प्रिन्सिपल पर काम करती है। जैसे एक गुरुत्वाकर्षण। अगर कोई चीज़ पृथ्वी के वातावरण में गिरती है तो वो कहीं बीच में नहीं लटकेगी। वह नीचे ही आकर गिरेगी। आप अगर किसी बिल्डिंग से छलांग लगा दे तो नीचे गिरने पर आपकी हड्डी पसली टूटेगी। लेकिन विज्ञान ने गुरुत्वाकर्षण के विज्ञान को समझा, इसके काम करने के तरीके को समझा।

हम गुरुत्वाकर्षण को हरा तो नहीं सकते थे, लेकिन इसे समझकर इसके अनुकूल काम कर सकते थे। जब हमने गुरुत्वाकर्षण के विज्ञान को समझ लिया तब हम हवा में भी उड़ने लगे, जिसका उदाहरण आप एरोप्लेन से ले सकते हैं। खैर, ये तो हमारा मॉडर्न साइंस है, लेकिन हमारा एक और विज्ञान है जिसे हम योग या आध्यात्मिक विज्ञान कहते हैं। अगर हम इसे समझ लें और इसके अनुकूल हो जाए तो हम अपार शक्तियां के मालिक हो सकते हैं। परंतु समय के साथ साथ हमारा वे अध्यात्मिक विज्ञान कहीं खो सा गया है, इसलिए आज की मॉडर्न थिन किन्ग ना तो उस पर ठीक से विश्वास कर पाती है और ना ही उनके नियमों को फॉलो कर पाती है जिसकी वजह से हमारे प्राचीन शास्त्रों में लिखी बातें हैं। एक मिथ लगती है।

एनीवे 16 सिद्धियों के बारे में शास्त्रों में जो भी लिखा है आज हम उसकी जानकारी देंगे। तो इन महान 16 सिद्धियों में से पहले नंबर पर आती है वाक् सिद्धि इस सिद्धि को साधने के बाद सादक अपने शब्दों के माध्यम से ऊर्जा का इस्तेमाल करके जो भी वाक्य बोलता है या जो भी शब्द बोलता है वो सत्य हो जाता है।

 1. वाक्सिद्धि

 वाक्सिद्धि जिसके पास होती है उसके द्वारा दिल से बोला गया वचन कभी व्यर्थ नहीं जाता अर्थार्थ वाक्य सिद्धि युक्त व्यक्ति में शाप या वरदान देने की क्षमता होती है जो आपने रामायण या महाभारत में कई बार देखा और सुना होगा। वाकसिद्धि का अंदाजा आप इस प्रकार लगा सकते हैं कि प्राचीन समय के जो ऋषि मुनि होते थे वो अगर किसी देवता को भी शाप या वरदान दे देते थे तो वो व्यर्थ नहीं जाता था। वाकसिद्धि के शब्दों की शक्ति केवल इसी जन्मों तक काम नहीं करती। ये शक्ति आने वाले जन्मों तक भी पीछा करती है। जैसे प्राचीन काल में अगर कोई ऋषिमुनि ये कह देता था कि तुम अगले जन्म में ये बनोगे या फलां फलां चीज़ को भोगोगे तो उसके द्वारा कहे गए वचनों की वह शक्ति अगले जनम तक उसका पीछा करती थी और उसे सिद्ध कर देती थी। 

2. दिव्यदृष्टि

दिव्यदृष्टि सिद्धि प्राप्त करने के बाद मनुष्य सब देख सकता है जो एक सामान्य व्यक्ति नहीं देख सकता। ऐसा व्यक्ति किसी का भी प्रेजेंट पास्ट और फ्यूचर देख सकता है। उन्हें समय से पहले ही भविष्य में होने वाली घटनाओं का पता चल जाता है तथा वे आँखें बंद करके उन अलौकिक शक्तियां को देख सकते हैं, जिन्हें कोई साधारण मनुष्य नहीं देख सकता।

 3. प्रज्ञा सिद्धि।

प्रज्ञा सिटी के अनुसार व्यक्ति में स्मरण शक्ति अद्भुत तरीके से विकसित हो जाती है तथा उस व्यक्ति के ब्रेन का हर एक वो हिस्सा सक्रिय हो जाता है जिसमें वो असाधारण ज्ञान बटोरने की क्षमता रखता है। साधक द्वारा इस स्थिति को प्राप्त करने के बाद वै ब्रह्मांड के हर एक कण का ज्ञान अपनी बुद्धि में समा सकता है। 

4. दूरश्रवण सिद्धि। 

दूरश्रवण सिद्धि होने के बाद मनुष्य के सुनने की क्षमता और क्षेत्र असीमित हो जाते हैं। यानी उसके सुनने की सूची में इंद्री जागृत हो जाती है। अर्थार्थ ऐसा व्यक्ति कुछ भी सुनना चाहे वो सुन सकता है, उसे समय भी नहीं बांध सकता। जैसे वह व्यक्ति पास्ट में हुई किसी भी बातचीत या आवाज को पुनः सुन सकता है। केवल इतना ही नहीं, वह अपनी सोच मंत्री के माध्यम से बहुत बारी क्या सुषमा आवाज को सुन सकता है?

5. जलगमन सिद्धि

। हर एक सिद्धि के नाम में ही उसका उत्तर छुपा हुआ है यानी जलगमन का अर्थ है कि जल की सतह पर भ्रमण कर लेना। जलगमन सिद्धि प्राप्त होने के बाद कोई भी मनुष्य है, पानी की किसी भी सतह पर आसानी से चल सकता है। अब चाहे वह किसी नदी की सतह हो, तालाब की हो या समुद्र की हो, इस प्रकार की सिद्धि आज भी कुछ मनुष्यों के पास में है।

6. वायु गामन सिद्धि

वायु गमन सिद्धि प्राप्त होने के बाद व्यक्ति वायु पर पूरी तरह से नियंत्रण पा लेता है। वह न केवल अपने शरीर को हल्का कर हवा में उड़ सकता है बल्कि अपने शरीर का शोषण रूप धारण करके एक जगह से दूसरी जगह या एक लोक से दूसरे लोक की दूरी कुछ ही पलों में तय कर सकता है।

7. अदृश्यकरण सिद्धि

इसके अंतर्गत साधक अपने शरीर का शोषण रूप धारण करके लोगों की नजरों से ओझल हो सकता है। ये सिद्धि लाहिड़ी महाशय और युक्तेश्वर गिरि जैसे महान लोगों के पास में थी, जिसका प्रमाण आप ऑटोबायोग्राफी ऑफ योगानंद की पुस्तक से ले सकते हैं।

8. विषोका सिद्धि।

इस विषोका सिद्धि को प्राप्त करने के पश्चात मनुष्य में रूप बदलने की क्षमता उत्पन्न हो जाती है। ऐसा व्यक्ति जब चाहे अपना रूप किसी के भी सामने बदल सकता है और अपनी पहचान को छुपा सकता है।

9. नौंवी सिद्धि है देवक्रियानुदर्शन सिद्धि इस सिद्धि को प्राप्त करने के बाद मनुष्य देव्या शक्ति या कहूँ देवताओं के साथ संपर्क साध सकता है।

10. कायाकल्प सिद्धि

कायाकल्प का अर्थ है आपने से भौतिक शरीर में बदलाव कर लेना। इसी सिद्धि के अनुसार मनुष्य की शक्ति खर्च नहीं होती परंतु यह शरीर बहुत ही क्लॉस से बना हुआ है। यह बूढ़ा हो जाता है, जर्जर हो जाता है लेकिन कायाकल्प सिद्धिका ज्ञाता। अपने शरीर को फिर से युवा और आकर्षक बना सकता है। मतलब उसमें नवीनीकरण की क्षमता विकसित हो जाती है।

11. सम्मोहन सिद्धि।

सम्मोहन सिद्धि का अर्थ ये है कि किसी को भी अपने वश में कर लेना या उसके सोचने समझने की क्षमता पर पूरी तरह से काबू कर लेना मतलब अगर आप किसी के दिमाग को वश में कर सकते हैं तो उससे अपने मुताबिक कोई भी काम भी करा सकते हैं। सम्मोहन सिद्धि प्राप्त करने वाला व्यक्ति किसी भी मनुष्य या पशु पक्षी को अपने वश में करके अपनी इच्छा अनुसार कार्य करवा सकता है।

12. गुरुत्व सिद्धि 

गुरुत्व का अर्थ है ज्ञान की गरिमा। जिंस व्यक्ति में यह सिद्धि होती है, उसमें ज्ञान का भंडार होता है और उसमें ज्ञान को देने की क्षमता भी होती है। उसी को गुरु कहा जाता है। जैसे कि भगवान श्रीकृष्ण जिन्होंने जगतगुरु होने का भार भी सम्भाला और संसार को गीता के माध्यम से ज्ञान दिया।

13. पूर्ण पुरुषत्व सिद्धि पूर्ण

पुरुषत्व का अर्थ है निडर, साहसी और प्राकर्मी। ऐसे व्यक्ति को भय छू भी नहीं सकता और उसमें किसी भी बुरी शक्ति या दानव से लड़ने की अद्भुत क्षमता होती है।

14. सर्वगुण संपन्न सिद्धि।

ऐसा सिद्ध पुरुष संसार के सभी गुणों से संपन्न होता है, उनमें वे सभी भावनाएँ होती है जो लोक कल्याण या संसार के हित के लिए आवश्यक है। फिर चाहे वह वीरता से जुड़ा हो या दया भावना से। ऐसे व्यक्ति तेजस्वी होते हैं और मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाते हैं।

15. इच्छामृत्यु सिद्धि।

इस सिद्धि को पाने का अर्थ है काल पर विजय प्राप्त कर लेना। ऐसे सिद्ध पुरुष को समय भी नहीं बांध सकता। ऐसा व्यक्ति जब चाहे अपना शरीर त्याग कर सकता है और इच्छा अनुसार नया शरीर धारण कर सकता है। ऐसे व्यक्ति को भय नहीं लगता क्योंकि वह समय पर विजय पाकर मृत्यु पर भी विजय प्राप्त कर लेता है।

16. अनुर्मि सिद्धि 

अनुर्मि सिद्धि प्राप्त कर लेने के बाद साधक किसी पुरुष पर प्रकृति पर वातावरण, मौसम, भूख, प्यास इन सब पर विजय प्राप्त कर लेता है। ऐसे व्यक्ति जीवन ऊर्जा का सोर्स भोजन से ना लेकर डायरेक्ट ब्रह्मांड से ले सकते हैं तथा इन्हें कभी भूख प्यास नहीं सता सकती। इस सिद्धि को प्राप्त करने के बाद व्यक्ति कभी बीमार नहीं पड़ता। ये वो 16 सिद्धियां थी जिनको प्राप्त करने के बाद मनुष्य असाधारण शक्तियां का मालिक हो जाता है।

 लेकिन इन 16 सिद्धियों के बाद भी कुछ सिद्धियां हैं, जिनका वर्णन मार्कंडेय पुराण में मिलता है और उन सिद्धियों का नाम है अष्टसिद्धि और ये अष्ट सिद्धियां और नवनिधि हनुमान जी के पास में थी, जो उन्हें सीता माता के आशीर्वाद से मिली थी। एनीवे सिद्धियों बारे में सुनना बहुत अच्छा लगता हैं। हमे अच्छा लगता है कि हमारे प्राचीन समय में सनातन धर्म में अनंतो प्रकार की सिद्धियों थी। यहाँ अनंतो ज्ञान भरा हुआ है, परंतु इन सिद्धियों के बारे में सुनना जितना आसान है।

 आज के समय में इन को प्राप्त करना उतना ही मुश्किल है, क्योंकि पहले तपस्वी लोग पैदा हुआ करते थे जो यम नियमों का पालन करते थे। आज उस विज्ञान के खोने के साथ साथ हम मनुष्यों की मानसिकता भी कमजोर हो चुकी है। खैर कोई बात नहीं यह तो केवल 16 सिद्धियों के बारे में जानकारी थी। ये प्राचीन क्या आपको पता होना चाहिए?