युवा घुड़सवार चिराग को मिली धमकियां। संदीप का आरोप है कि उनके बेटे को अज्ञात व्यक्ति द्वारा फोन पर धमकी दी जा रही है।

Aug 3, 2023 - 01:21

एशियाई खेलों से ठीक पहले इवेंटिंग टीम के कोच रोडोल्फ शेरर और भारतीय घुड़सवारी महासंघ (ईएफआइ) का विवाद अभी थमा भी नहीं था कि अब एशियाई खेलों की इवेंटिंग स्पर्धा में क्वालीफाई करने वाले सबसे युवा 19 वर्षीय घुड़सवार चिराग को फोन पर धमकी देने का मामला सामने आया है।

चिराग के पिता संदीप शर्मा ने इसको लेकर ईएफआइ के महासचिव कर्नल जयवीर सिंह से शिकायत की है। संदीप का आरोप है कि उनके बेटे को अज्ञात व्यक्ति द्वारा फोन पर धमकी दी जा रही है। यह व्यक्ति भी कोई दूसरा घुड़सवार है क्योंकि जिस तरह से उसने अपनी भाषा में फ्राग, कैंटर जैसे कुछ शब्दों का प्रयोग किया है, वह कोई घुड़सवार ही जानता है।

राग के पिता ने 30 जुलाई को ईएफआइ को दी गई अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि 25 जुलाई को गौरव पुंडीर और उपाध्यक्ष (वित्तीय समिति) हरीश खोखर के बीच बातचीत की रिकार्डिंग उन्होंने एथलीट आयोग के अध्यक्ष को भेजी थी, उसी रात उनके फोन पर जर्मनी और राजस्थान के फोन नंबर से धमकी भरे फोन आए। उनके बेटे को गालियां दी गईं लेकिन इस मामले में अभी तक ईएफआइ की ओर से ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।

संदीप ने बताया कि एशियाई खेलों में चिराग का चयन होने के बाद से उस पर अड़ंगा लगाना शुरू हो गया था। जब नतीजे आए तो टीम की घोषणा नहीं की। इसके विरुद्ध हम कोर्ट भी गए थे। पिछले साल अगस्त में नए ट्रायल किए गए, तब भी चिराग ने पहला स्थान प्राप्त किया था। मई तक चिराग कोच रोडोल्फ का घोड़ा इस्तेमाल कर रहे थे। रोडोल्फ ने हाल में भुगतान और टीम चयन विवाद को लेकर अपने पद से इस्तीफा दिया है। 19 मई को रोडोल्फ पूछा कि घोड़े का पैसा कौन देगा, तो मैंने कहा कि ईएफआइ देगा या फिर मैं दूंगा। 20 मई को रोडोल्फ ने वह घोड़ा एक और घुड़सवार आशीष मलिक को देने का निर्णय लिया।

इसके बाद हमने मजबूरन एशियाई खेलों से हटने का निर्णय किया क्योंकि घोड़े ले बिना खेलना संभव नहीं था | हटने के \'बावजूद मेरे बेटे को धमकियां मिलनी शुरू हो गईं जिसको लेकर मैंने ईएफआइ को लिखा है। इस मामले में ईएफआइ की ओर संदीप शर्मा को जवाब भेजकर कहा गया कि हमने दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षक डा. एसवाई कुरैशी से चर्चा की है, ये हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं है। इस संबंध में ईएफआइ की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है।