Antarctica: अंटार्कटिका की बर्फ के नीचे मिली लाखों वर्ष पुरानी घाटियां

Oct 26, 2023 - 13:09
Antarctica: अंटार्कटिका की बर्फ के नीचे मिली लाखों वर्ष पुरानी घाटियां
पूर्वी अंटार्कटिका में रेडियो ईको साउंडिग के लिए वैज्ञानिकोें ने सैटेलाइट इमेज का इस्तेमाल किया। इनसेट में दिख रहा वह हिस्सा।

वॉशिंगटन. Antarctica अंटार्कटिका महाद्वीप कभी पेड़-पौधे, जंगल और जीवों से आबाद रहा होगा। ब्रिटिश और अमरीकी वैज्ञानिकों की हालिया खोज में इस बात के प्रमाण मिले हैं। वैज्ञानिकों ने अंटार्कटिका की बर्फ के नीचे नदियों से बनीं विशाल घाटियों का पता लगाया है, जो लाखों वर्षों से बर्फ में जमी हुई हैं। शोध के मुख्य लेखक ब्रिटेन की डरहम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर स्टीवर्ट जैमिसन ने बताया कि 3.4 करोड़ वर्ष से इस अनोखे प्राकृतिक स्थल पर आज तक किसी की नजर नहीं पड़ी। जैमिसन ने बताया, करीब 32 हजार वर्ग किलोमीटर में फैला यह क्षेत्र कभी पेड़ों और जंगली जीवों का घर रहा था। लेकिन हिमयुग में यह पूरी तरह जम गया। अब वैज्ञानिकों ने इंसानी गतिविधियों के कारण हो रहे ग्लोबल वार्मिंग से इसके बर्फ से बाहर आने की चेतावनी दी है।

ईको साउंडिंग से ढूंढा

इस जगह का पता लगाने के लिए वैज्ञानिकों ने आंकड़ों की जगह रेडियो ईको साउंड तकनीक और मैपिंग का इस्तेमाल किया। इसके लिए अंटार्कटिका के इस क्षेत्र के ऊपर से विमान को गुजारकर रेडियो तरंगे बर्फ में भेजी गईं, फिर वहां से निकलने वाली गूंज का विश्लेषण किया गया। इस तकनीक को रेडियो ईको साउंडिंग कहते हैं।

खोज में बड़ी चुनौती

अंटार्कटिका महाद्वीप आकार में यूरोप से भी बड़ा है, लिहाजा पूरे महाद्वीप पर रेडियो ईको साउंडिंग संभव नहीं थी। इसलिए शोधकर्ताओं ने पहले से मौजूद सैटेलाइट तस्वीरों का इस्तेमाल कर बर्फ के दो किलोमीटर नीचे तक मौजूद घाटियों और चोटियों का पता लगाया।

करोड़ों साल से नहीं पहुंची सूरज की किरणें

वैज्ञानिकों के अनुसार इस छिपे भूभाग पर सूरज की किरणें आखिरी बार कब पड़ी होंगी, इसके बारे में सटीक बताना तो मुश्किल है, लेकिन 3.4 करोड़ वर्ष पहले आखिरी बार यह स्थान सूर्य की किरणों के संपर्क में आया होगा। कुछ शोधकर्ताओं ने इससे पहले अंटार्कटिका की बर्फ की नीचे बड़े शहर के आकार जितनी बड़ी झील का पता लगाया था।