Ingenuity Helicopter मंगल पर फिर उड़ेगा भारतवंशी वैज्ञानिक का ‘इनजेनिटी’

Oct 31, 2023 - 17:39
Oct 31, 2023 - 17:54
Ingenuity Helicopter मंगल पर फिर उड़ेगा भारतवंशी वैज्ञानिक का ‘इनजेनिटी’
Ingenuity Helicopter मंगल पर फिर उड़ेगा भारतवंशी वैज्ञानिक का ‘इनजेनिटी’

वॉशिंगटन. Ingenuity Helicopter अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा मंगल ग्रह पर एक बार फिर हेलिकॉप्टर उड़ाने वाली है। इनजेनिटी नाम के इस हेलिकॉप्टर का वजन सिर्फ 1.8 किलो है। इसे ‘गिन्नी’ भी कहा जाता है। यह नासा के पर्सीवरेंस रोवर का हिस्सा है, जिसे 2020 में लॉन्च किया गया था। रोवर अब भी मंगल पर सक्रिय है।

रिपोर्ट के मुताबिक इनजेनिटी को भारतीय मूल के अमरीकी वैज्ञानिक डॉ. जे. बॉब बलराम ने डिजाइन किया है। नासा का कहना है कि इनजेनिटी तकनीक का चमत्कार है। यह अल्ट्रा-लाइट कार्बन फाइबर से बना है और सिर्फ आधा मीटर लंबा है। इनजेनिटी को उड़ाने वाले ब्लेड 2400 और 2900 आरपीएम पर घूमते हैं। यह पृथ्वी पर किसी भी हेलिकॉप्टर के मुकाबले करीब 10 गुना तेज है। इनजेनिटी ने 19 अप्रेल, 2021 को मंगल ग्रह पर पहली उड़ान भरी थी।

इस दौरान यह सतह से करीब तीन मीटर ऊपर उड़ा और हवा में घूमकर एक मोड पूरा किया। मंगल के वातावरण में नियंत्रित उड़ान हासिल करना मील का पत्थर था। अब तक यह मंगल ग्रह पर 63 उड़ानें भर चुका है।

सैंपल को धरती पर लाने में भी मददगार

इस साल 13 अप्रेल को मंगल ग्रह पर अपनी 50वीं उड़ान के दौरान इनजेनिटी ने 145.7 सेकंड में 322.2 मीटर की दूरी तय की। यह 60 फीट की ऊंचाई तक गया। पर्सीवरेंस रोवर ने चट्टानी ग्रह के सैंपल को एक ट्यूब में बंद कर दिया है। नासा की सैंपल को धरती पर लाने की योजना है। अगर रोवर से सैंपल निकालने में कोई दिक्कत होती है तो इनजेनिटी जैसा हेलिकॉप्टर रोबोट सैंपल जमा करेगा।

भारतीय विद्यार्थियों की मदद करेंगे बलराम

डॉ. बलराम नासा की जेट प्रोपल्शन प्रयोगशाला (जेपीएल) में कार्यरत हैं। आइआइटी, मद्रास से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले बलराम जल्द नासा से सेवानिवृत्त हो रहे हैं। अब वह भारतीय विद्यार्थियों की मदद करना चाहते हैं। उनका कहना है कि अंतरिक्ष विज्ञान में सैकड़ों भारतीय विद्यार्थी आगे बढ़कर देश को गौरवान्वित कर सकते हैं।